भवभूति: समीक्षक दिवाकर वर्मा

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भवभूति: अनूठा औपन्यासिक प्रयास समीक्षक दिवाकर वर्मा, पूर्व निर्देशक निराला सृजन पीठ भोपाल पुस्तक- भवभूति लेखक- रामगोपाल भावुक प्रकाशक- साक्षी प्रकाशन भोपाल समीक्षक- दिवाकर वर्मा, पृष्ठ- 122 मूल्य- 80 रु0। प्रकाशन वर्ष-2000 ई0 अक्षर भारती के अमर गायक करुणरस के अनुपम चितेरे थे। उन्होंने प्रमुख रूप से काव्य नाट्य की रचना की। उनके द्वारा रचित तीनों ही नाटक भाषा की प्राज्जलता, संवादों की सुधड़ता और सम्प्रेषण्ीयता एवं वातावरण की सम्यक निर्मिति की दृष्टि से अप्रेक्षित है। ऐसे अद्वितीय साहित्य मनीषी के जीवन को आधार बनाकर उपन्यास के तानेवाने बुनना बड़ा ही जोखिम भरा कार्य