चन्देरी-झांसी-ओरछा-ग्वालियर की सैर 15 Chanderi-Jhansi-Orchha-Gwalior ki sair 15 लगभग दो फंर्लाग चलने के बाद सामने ही हमको बेतवा नदी का पुल दिखाई दिया। लगभग तीन सौ फुट लंबे पुल के नीचे छल छल करती बेतवा नदी भूरे रंग की चट्टानों से खेलती , रूकती,ठोक्कर मारती हुई बह रही थी। नदी के उस पार पंक्तिबंद्व ढंग से कुलमिलाकर चौदह समाधिंया बनी हुई थी, जिनमे उॅंचे उंचे शिखर दूर से बडे़ अच्छे लग रहे थे। समाधियों को गांव की भाशा छतरी कहा जाता है। छतरियों वाला घाट कंचन घाट के नाम से जाना जाता है। राजा मध्ुकरशाह, इंन्द्रजीत शाह