यादों के झरोखे से Part 7

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यादों के झरोखे से Part 7 ================================================================ मेरे जीवनसाथी की डायरी के कुछ पन्ने - पहली विदेशी धरती ट्रिंकोमाली में घोर निराशा मिली पर सिंगापुर मार्केट बहुत अच्छा लगा ================================================================== 14 दिसंबर 1968 आज मेरा जहाज बॉम्बे से कोचीन और मद्रास होते हुए सीलोन ( Ceylon ) का पोर्ट ट्रिंकोमाली में लंगर डाले खड़ा है , शायद छोटा पोर्ट है इतना गहरा पानी नहीं है कि जहाज किनारे बर्थ करे . 6 बजे शाम को मैं वाच खत्म कर इंजन रूम से बाहर आता हूँ तब फोर्थ इंजीनियर ने कहा “ हमलोग थोड़ी देर में बाहर घूमने