व्यग्य मुफ्त का परामर्श

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व्यग्य मुफ्त का परामर्श रामगोपाल भावुक पापा जी की खराब स्थिति देखकर डाक्टर ने कह दिया-‘ आप के पापा जी की स्थिति जितनी यहाँ ठीक होनी थी हो चुकी है। अब तो धीरे- धीेरे ही फायदा होगा। भगवान चाहेंगे जो पूरी तरह ठीक हो जायेंगे। अभी घर ले जाकर इनकी सेवा करें।’ मैं समझ गया बात डाक्टर के हाथ की नहीं रही इसीलिये घर ले जाकर सेवा करने कर परामर्श दे रहे हैं। मजबूरी में हम उन्हें घर ले आये थे। सोचा- पापा जी के अन्तिम समय में जितनी हो सके सेवा में कमी न रहने देगे। जैसे ही हम