नया साल, नयी सुबह

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उस दिन भी पहले पूरब दिशा लाल हुयी और तब नए साल का सूरज उग आया. हरी मखमली घास पर फैला कोहरा सूखने लगा और काफी देर जब सर्दी काफी कम हो गयी तो मोटा मेंढक टर्र अपने गर्म घर को छोड़कर बाहर निकल आया. वह नए साल की नयी सुबह का नाश्ता किसी मोटे-ताजे कीड़े को मार कर करना चाहता था.पेड़ की डाली पर बैठे सुनहरे मुर्गे ने मोटे मेंढक को तालाब की ओर बढ़ते देखा तो उसकी लार टपक आयी. ‘वाह, नए साल की सुबह इतनी सुंदर!’ वह पेड़ से कूदकर जमीन पर आ गया और दबे पांव