मुरमुरा के लड्डू

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इन कहानियों की कहानी कहानी को समझने के लिए जीवन को समझना आवश्यक है। जीवन जितना कोमल और सख्त होता है, कहानी का रूप-स्वरूप भी करीब-करीब ऐसा ही होता है। कहानी पाठक को अपने से जोड़ती है। कहानी से जुड़ने के बाद पाठक रचनाकार के साथ जुड़ना चाहता है। कहानी के उपजने के श्रोत ढूंढना चाहता है। कहानीकार, जिस जमीन के साथ जुड़ा है, उस जमीन को जानना चाहता है। कहानीकार की जमीन निजी भी हो सकती है और सार्वजनिक भी। इस संकलन की कहानियों में ये दोनों बातें समावेशित हैं। इन कहानियों के पात्र परम्परागत