नियति... - 10

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मै अक्षत के साथ राघव के यहां पहुंचती हूं।अक्षत राघव से बात करता है।मैंने अक्षत और राघव के सामने एक शर्त रखी कि मै यहां रहूंगी लेकिन रेंट पर।पहले तो अक्षत मना करता है लेकिन मेरे थोड़े से जोर देने पर मान जाता है और मै राघव के यहां रहने लगती हूं। मै एनजीओ वाली मैम को कॉल कर न आने के बारे में बता देती हूं। राघव - अच्छा लगा आपको यहां देख कर।आप चिंता मत कीजिए हम सब दोस्त आपके साथ है। मै - राघव चिंता की तो बात ही है, मुझे लाइफ में आगे बढ़ना है कुछ