भाग-5 कठिन तपस्या के बाद वो भी आई ए एस अफसर बन गई। रवि की जगह पोस्टिंग का आदेश पाकर बेहद खुश थी। पहली-पहली नौकरी थी। शालिनी सब सीख रही थी धीरे धीरे। जो जो लोग रवि को जानते थे रवि की पत्नी होने के नाते भी उसकी इज्जत करते थे और अधिकारी होने की वजह से कामकाज में भी मदद करते थे। कभी कभी सहकर्मियों से घर-परिवार की बातें भी होती रहती थी! कुल मिलाकर जीवन सही दिशा में गति पकड़ रहा था। 6-8 महीने बीतते बीतते शालिनी घर परिवार की जिम्मेदारी और नौकरी के बीच तालमेल बैठाकर सहूलियत