पश्चाताप के दूसरे भाग मे अब तक आपने पढ़ा पूर्णिमा का पति उससे अपने सुधरने की बात कह कर शाम को घर जल्दी आने की बात करता है किन्तु कई दिन बीतने पर भी वह घर नही आता है | पूर्णिमा दुःखी होकर ईश्वर के सम्मुख रोने लगती है कि तभी , पड़ोस से एक महिला आती है | जिसके पति की कुछ दिन पहले ही उस शहर मे पोस्टिंग हुई है | वे दोनो अच्छी सहेली बन जाती हैं | एक दिन पूर्णिमा ने अपनी सारी कहानी, उसी सहेली प्रतिमा से बता दी | उसकी आर्थिक स्थिति को भाँप