अपने-अपने कारागृह - 8

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अपने-अपने कारागृह-7एक दिन मम्मी जी नन्ही परी को तेल लगा रही थीं कि देवयानी आंटी का फोन आया । उन्होंने मम्मी जी से बात करने की इच्छा जाहिर की । उषा ने फोन मम्मी जी को दे दिया । मम्मी जी ने उनका उत्तर सुनते ही कहा,' बधाई देवयानी जी, मिठाई से काम नहीं चलेगा , पार्टी देनी होगी ।'फोन रख कर मम्मी जी ने बताया कि शुचिता भल्ला दादी बन गई हैं । उनके पुत्र प्रियांश की पत्नी रत्ना को पोता हुआ है । मम्मी जी और वह बधाई देने पहले अस्पताल गए फिर देवयानी आंटी से मिलने घर