अर्थ पथ - 15 - पलायन: चिंतन, मनन, मंथन

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पलायन: चिंतन, मनन, मंथन एक समय था जब मजदूरों व अधिकारियों का वेतन बहुत ही कम था। अब समय के साथ-साथ परिस्थितियां बदलती जा रही हैं। जिससे श्रमिकों को अपने श्रम की कीमत एवं अधिकारियों को अपने अधिकार एवं कर्तव्य की उपयोगिता समझ में आती जा रही है। अब श्रमिकों का आर्थिक शोषण समाप्त हो चुका है। उन्हें उचित मजदूरी प्राप्त हो रही है। वहीं अधिकारी वर्ग भी अपनी कार्यकुशलता के अनुसार वेतन प्राप्त करने लगे हैं। इस प्रकार अधिकारों के विषय में सभी जाग्रत हो गए हैं और धीरे-धीरे कर्तव्य के प्रति भी वे सजग हो जाएंगे। अब