त्रिखंडिता 8 छूकर मेरे मन को प्रेम का पदार्पण जीवन में कब हो जाएगा कोई नहीं जानता और यह भी कोई नहीं जानता कि कौन कब और किसके मन को छू लेगा। कभी-कभी बेहद साधारण दिखने वाले की कोई बात मन को भा जाती है और कभी सर्वगुण सम्पन्न भी मन से दूर रह जाता है। मीना की किस बात ने अमन का मन मोहा, पता नहीं ! जलने से बच गई उसकी सुंदर नशीली आँखों और कंचन छड़ी सी सुंदर देह ने कि जले भयानक चेहरे और अपमानजनक निरर्थक जिन्दगी ने पता नहीं। पर बहुत जल्द दोनों एक दूसरे