सुलझे...अनसुलझे - 11

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सुलझे...अनसुलझे नन्ही-सी परी -------------- सरकारी अस्पतालों की दिनचर्या के बारे में जितना सोचे उतना ही लगता है कि हम बहुत कम सोच पाए है। इधर से उधर दौड़ते मरीज़ो के रिश्तेदार व परिचित ,अस्पताल में बदहवास से ही नज़र आते हैं। किसी को दवाई लेने की जल्दी, तो कोई डॉक्टर के आने की राह देख रहा होता है। कब डॉक्टर देखे और इलाज़ शुरू हो! तो दूसरी तरफ मरीज़ का इलाज़ पूरा हो जाने के बाद उसको छुट्टी दिलाने के लिए औपचारिकताएं पूरी करवाने में जुटे मरीज़ के रिश्तेदार। इस भाग-दौड़ का सोचे तो ,जाने कितना कुछ स्वयं में बहुत