इश्क़ 92 दा वार - (पार्ट-11)

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इश्क़ 92 दा वार (पार्ट-11)(7 दिसंबर 1992)सुबह होते हीं पूरे देश में आग जल चुकी थी.. दोनो समुदाय की आना पर जो ठन चुकी थी आज की सुबह एक दम शांत और मायूश थी ना सुबह की अज़ान थी और ना किसी मंदिर की आराधना सुनाई दें रही थी लोगो के दिलों में डर बैठा हुआ था बीती रात ना जानें कितने घर जल चुके थे कितनों के सिर कलम कर दिये गए थे चप्पे चप्पे पर पुलिस मौजूद थी चारों तरफ धूल ही धूल थी....यहां कोई आंधी नहीं चल रही थी, लेकिन यह मंजर किसी आंधी से कम भी