शुरूआत

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कहानी-- शुरूआत आर. एन. सुनगरया, रवि के मस्तिष्‍क में अनेकों कल्‍पनाऍं हिलोरें लेते-लेते कुछ कल्‍पनाऍं होंठों पर आ गईं........... सोचा था स्‍वतंत्र रहकर समाज सुधार के लिए कुछ रचनात्‍मक कार्य करूँगा, मगर मुझे क्‍या