कैसा ये इश्क़ है.... - (भाग 15)

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भाग –15 “प्रशांत जी आप” कहते हुए वो अपने पीछे मुड़ कर खड़ी हो जाती है।अर्पिता की बच्ची।क्या क्या कहा था तुमने तब जाकर मै तैयार हुई थी और मैडम जी देख कर किसे गयी “बीरबल की खिचड़ी” को।क्या समझ रही हो तुम नीचे आकर, क्या मुझसे बच जाओगी हाँ...। अरे वो बीरबल की खिचड़ी न तुम्हे ही मुबारक हो॥किरण नीचे आकर अर्पिता के पास खड़े होकर कहती है उसे इतना बोलता देख अर्पिता अपने होठों पर अंगुली रख चुप रहने का इशारा करती है। काहे काहे चुप रहूं मैं।ये सब न तेरी वजह से हुआ है। किरण ने तमतमाते