मंथन 5

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मंथन 5 राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश पर अध्यादेश जारी किए जा रहे थे। आज के रेडियो पर भी एक अध्यादेश जारी किया गया। जिसके तहत हरजिनों व छोटे किसानों को ऋण से ंछूट दे दी गई थी। जो ग्रामीण साहूकार ऋण दिये थे उन्हें अपना पैसा डूबते दिखा। जो ऋण लिये थे उन्हें लगने लगा अब हमें पैसा क्यों देना है। देना तो कानून में से हट गया है तो हम क्यों देवें ! अब लोगों को, दूसरों को अपनी चीजें देने में भी संकोच होने लगा। हरिजन