मानस के राम भाग 19रावण का मारीचि से मिलनारावण को मारीचि की याद आई। मारीचि उसका मामा था। वह ताड़का का पुत्र था। जब मारीचि ने अपने भाई सुबाहू के साथ विश्वमित्र के यज्ञ में बाधा डालने का प्रयास किया था तो राम के एक बाण ने उसे कई योजन दूर लंका पहुँचा दिया था। तब से मारीचि एक कुटिया बना कर एकांत में रहता था। वह भगवान शिव की आराधना करता था। मारीचि के