एक घने जंगल में बूढ़ा चौकीदार अपनी पत्नी और नन्ही बेटी सोना के साथ रहा करता था. चौकीदार शिकारियों और लकड़हारों से वन के पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों की रक्षा करता. इसकी पत्नी सारा दिन घर के कामकाज में जुटी रहती. नन्हीं सोना दिन भर उन जंगलों के बारे में सोचती रहती, जिसके बारे में उसने अपने पिता से सुना था कि वहां सतरंगे फूल खिलते हैं.हर वर्ष सोना के जन्म दिन पर उसके पिता और मां उसे कुछ न कुछ भेंट अवश्य देते थे. उसकी मां उसके जन्मदिन के लिए अभी से पंखों वाली टोपी बना रही थी. पिता का