नियति... - 6

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उन दोनों को वहां देख मैंने अम्बे मां को मन ही मन धन्यवाद दिया,और उनको बचाने के विषय मे सोचने लगी।मैं किडनैपर के बारे में कुछ नही जानती थी कौन है,कहाँ से है।उसने क्यों इन दोनों को किडनैप किया है।वही उस समय मेरे मन मे बहुत सी उलझने चल रही थी। डर भी लग रहा था मुझे।लेकिन बस इंसानियत की खातिर हिम्मत कर वहां रुकी हुई थी।हॉस्टल के नियम कायदे उस समय मेरे दिमाग से निकल चुके थे बस याद था तो केवल उन दोनों की मदद कर किसी तरह उनको बचाना।मैने चारो ओर चौकन्नी दृष्टि से देखा।उनके आसपास कोई