मुट्ठी भर रोशनी

  • 9.8k
  • 2.5k

मुट्ठी भर रोशनी लेखक: दीप्ति कुलश्रेप्ठ प्रकाशक: भूमिका प्रकाशन, दिल्ली पृप्ठ: 579 मूल्य: 400 रु. हिन्दी साहित्य में प्रेमपरक उपन्यासों की बहुत अधिक रचना नहीं हुई है। सामाजिक सरोकारों को लेकर भी लेखन कम ही हुआ है। ऐसे समय में दीप्ति कुलश्रेप्ठ का उपन्यास ‘मुट्ठी भर रोशनी’ एक ताजा हवा के झौंके की तरह आया है, जो पठनीयता के साथ-साथ मन को कहीं गहरे तक कुरेदता है और हमें हमारे सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरुक करता है। नारी मन को समझना आसान नहीं है, प्रम के लिए एक अविरल याचना रही है नारी मन में, इसी प्रेम की याचना की