कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 16 रात को जब दूध का गिलास मोहिनी केशव नाथ जी के कमरे में लेकर गयी तो केशव नाथ जी ने उससे कहा- ‘‘थोड़ी देर मेरे पास बैठो। कुछ बात करनी है तुमसे।‘‘ वह एक कुतुहल के साथ उनके पास कुर्सी पर उनका चेहरा निहारती बैठ गई। केशव नाथ जीने उसे कहीं टटोलते हुए पूछा- ‘‘जानती हो मैने यहाँ तुम्हें क्यों बुलाया है?‘‘ ‘‘हाँ..आपके कॉलेज में कोई जगह खाली है उसी के लिए।‘‘ ‘‘लेकिन यहाँ कैसे रहोगी...तुम्हारा अपना परिवार है अब तो।‘‘ मोहिनी ने कुछ क्षण चुप रह कर कहा- ‘‘उससे क्या होता है।