धूल पौधों पर- गोविंद मिश्र

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उपन्यास धूल पौधों पर,- गोविंद मिश्ररोचक व विचारोत्तेजकगोविन्द मिश्र का दसवां उपन्यास ’धूल पौधों पर’ अपेक्षाकृत छोटे आकार का सधा हुआ उपन्यास है। इसमें मिश्रजी एक ऐसे क्षेत्र में कथा विस्तार करते है जो प्रायः उनकी कथा रचनाओं में आता हनीं है। हालांकि इसकी शुरूआती उनके नवें उपन्यास ’कोहरे में कैद रंग’ से हो चुकी थी। महत्वकांक्षी युवती को अपनी परंपराा के नाम पर दबाने का प्रयास करने वाले एक परिवार की कथा कहते गोविन्द जी युवती के सास ससुर के इस काम को उसी प्रकार दबाने का काम सिद्ध करते है जैसे कि किन्ही बढ़ते पौधों पर ढेरों धूल