नीलांजना--भाग(८)

  • 6.7k
  • 1
  • 2.4k

सुखमती ने नीला से कहा तुम नीला नहीं, राजकुमारी नीलांजना हो और मैं तुम्हारी मां सुखमती हो,अब हमें अपने पुलस्थ को वापस लेना होगा,क्या तुम इसके लिए सहमत हो।। नीलांजना ने कहा, हां !! लेकिन ये उत्तर उसके हृदय से नहीं मस्तिष्क से आया था,वो ये राज्य,वैभव और किसी भी राजकुमारी का पद नहीं चाहती थी, उसे तो बस नीला बनकर साधारण सा सादा जीवन चाहिए था, उसने विवश होकर हां की थीं। वो सुखमती को पाकर प्रसन्न नहीं थी, उसे तो सौदामिनी में ही अपनी मां दिखाई दे रही थी, उसे लग रहा था ये तो बिना ममता की