कामनाओं के नशेमन हुस्न तबस्सुम निहाँ 15 ‘‘फिर क्या होगा इन गहनों का?‘‘ बेला ने बहुत ही आहत भाव से कहा। अमल ने एक सहम के साथ कहा- ‘‘यह सब बाबू जी के पास पड़े रहेंगे।‘‘ इस बात पर केशव नाथ जी अजब ढंग से मुस्कुराए और अमल की ओर देखते हुए बोले- ‘‘..स्त्रियाँ अपनी कीमतीं चीजें यूंही नहीं गुम कर दिया करतीं। वे उन्हें बहुत सहेज कर रखती हैं। लेकिन जब उनके सम्मुख दूसरा कोई बड़ा मूल्य आकर खड़ा हो जाता है तो यह सब चीजें बेमानी हो जाती हैं...‘‘ अमल अभी जिन मूल्यों के गुम हो जाने की