तू मेरी परछाई मत बनना

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मुझे ही सारा काम करना था तो तुम्हें किस लिए लेकर आया था? बहुत हो गया! आज तुम्हारे पापा को फोन करता हूं या तो आकर तुम्हें समझाएं या अपने साथ वापस ले जाएं। इस तरह एक साथ हमारा गुजारा संभव नहीं।" शैलेश की बात सुन गीता को गुस्सा तो बहुत आया, लेकिन वह स्कूल चली गई क्योंकि उसे पता था, घर में रहेगी तो क्लेश और ही बढ़ेगा और वैसे भी यह उसकी हर तीसरे दिन की कहानी थी। उस दिन स्कूल में भी उसका मन नहीं लग रहा था। बार-बार उसे पहले की घटना ही याद आ रही