हीरोइन इंस्पेक्टर सोहराब को घूरते देखकर सलीम दूसरी तरफ देखने लगा। सोहराब, कैप्टन किशन के सामने दूसरे सोफे पर बैठ गया। सार्जेंट सलीम भी सोहराब की बगल में आकर बैठ गया। “जी बताइए, कैसे आना हुआ।” सोहराब ने नर्म लहजे में पूछा। “सोहराब साहब, शेयाली मेरी भतीजी थी। मैं एफआईआर लिखाने कोतवाली गया था। वहां से पता चला कि इस केस को आप देख रहे हैं। इसलिए इधर चला आया।” कैप्टन किशन ने गमगीन लहजे में कहा। “जी हां, यह केस खुफिया महकमे को ट्रांसफर हो गया है।” “यह तो अच्छी बात है कि अब केस जल्दी साल्व हो जाएगा।”