इस बार बात कुछ खुल कर हुई। मुझे भी पता चला कि लड़का बार- बार बिना किसी काम के फ़ोन क्यों कर रहा है। असल में कुछ ही दिनों बाद उसकी फ़िर एक परीक्षा यहां थी। वो परीक्षा देने आ रहा था और मेरे पास ठहरना चाहता था। उसका कहना था कि परीक्षा के दिनों में कहीं ठहरने की जगह मिलती नहीं है, और मिले भी तो बहुत महंगी तथा असुविधाजनक। ठीक भी तो है, बेरोजगारी के आलम में एक तो बच्चे बार - बार इतना किराया भाड़ा खर्च करके परीक्षा देने जाएं, फ़िर एक दिन कहीं ठहरने में सैंकड़ों