अरविंद जी के घर वापस आने के बाद अनमोल अपनी पढ़ाई में जुट गया। प्रथम वर्ष में अनमोल अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हो चुका था। अब उसे दूसरे वर्ष में भी अच्छे नंबर लाने थे। क्लास शुरू हो गई थी। सब कुछ पिछले वर्ष की भांति ठीक चल रहा था। इस बार उसके रूम के पास ही एक ऐसा लड़के को रूम अलॉट हुए जो अपने में ही गुम रहता, किसी से भी बात नहीं करता। उस लड़के का नाम योगेश था। आते - जाते निगाहें मिल जाती तो भी वो कतरा कर निकल जाता।