उलझन डॉ. अमिता दुबे अठारह तब तक घर आ गया था। अंशिका अपने घर चली गयी। पापा ने गाड़ी मोड़कर आॅफिस के लिए निकलने से पहले सौमित्र से कहा - ‘जानते हो सोमू आजकल एन0सी0इ0आर0टी0, मानव संसाधन विकास मंत्रालय जैसी संस्थाओं द्वारा इस दृष्टि से बहुत गहराई से विचार किया जा रहा है कि किताबी शिक्षा से व्यवहारिक शिक्षा को किस प्रकार अधिक से अधिक जोड़ा जाय। कुछ ओपेन यूनीवर्सिटीज ने तो प्रयोग के रूप में एम0बी0ए0 की पढ़ाई भी प्रारम्भ की है। उनका मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रबन्धन की व्यवस्था देखने वालों को हिन्दी भाषा में कार्य