बाजार में रामधन - कैलाश बनवासी

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कैलाश वनवासी का कथा संग्रह भौंचक खडे रामधन और बाजार में बदलता समाज पुस्तक समीक्षा- राजनारायण बोहरे कथा संग्रह- बाजार में रामधन कहानीकार- कैलाश बनवासी प्रकाशकः भारतीय ज्ञानपीठ दिल्ली कैलाश बनवासी हिन्दी साहित्यकारों की उस पीढ़ी मे से आते हैं जो कम उम्र में ज्यादा परिपक्व और समझदार कही जा सकती हैं । इधर उभरते ऐसे रचना कर्मियों में जहां कविता में नीलेश रघुवंशी, पवन करण, पंकज चतुर्वेदी, हरिओम राजोरिया जैसे ऊर्जावान और कल्पनाशील युवा है वहीं कहानी में गौरीनाथ, श्री धरम और कैलाश वनवासी जैसे धैर्यवान और पर्याप्त होमवर्क के साथ आये कहानीकारों के