बागी आत्मा 15 पन्द्रह सारे दिन उदयभान खन्दक में पड़ा रहा। इतने बड़े जीवन में उसे कभी दुःख नहीं हुआ था। वह तो दूसरों को दुःख देता था। पर आज उसे स्पश्ट अनुभव हो रहा था कि दुःख क्या होता है ? मां के रहस्यमय जीवन ने उसे निश्ठुर बना दिया था। मां के मरने के बाद मां का दुःख भी नहीं हुआ बल्कि यह मां के साथ समाज ने जो कुकृत्य दिये थे उसका बदला लेने को बेचैन हो उठाा था। आज स्थिति बिलकुल विपरीत थी। जीवन में रहस्यमय ढंग से एक भाई से मुलाकात हुई। कुछ