धवल शुभी से प्रणय निवेदन कर निर्णय लेने के लिए छोड़ जाता है । अब गतांक से आगे---- शुभी कुछ देेर कर्तत्तविमूढ़ सी बैठी रही , फिर अपने घर की तरफ बढ़ चली। रात को जब वो अपने बिस्तर पर लेटी तो रह -रह कर उसका मन धवल की बातों की ओर ही चला जाता ।अजीब सी उथलपुथल मची है उसके मन मस्तिष्क में।इस कशमकश के बीच शुभी की समझ में नहीं आ रहा कि धवल की बात पर विचार करने के लिए वो कौन सा सूत्र पकड़े ताकि सारी उलझन सुलझा सके।उसने कुछ देर के