देव ऋषि नारद विश्व के पहले पत्रकार

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देव ऋषि नारद विश्व के पहले पत्रकार नारद आगबबूला हो कहने लगे --या तो मर जाऊंगा या विष्णु को श्राप दे दूंगा! कथा यह थी कि प्रजाति दक्ष की श्राप के कारण किसी भी जगह दो घड़ी से ज्यादा ना रुकने वाले नारद एक बार एक सुहानी बगिया में पहुंचे और बैठकर भजन करने लगे कि उनको सहज समाधि लग गई थी। उनकी समाधि लंबी चली। उनके तप को देखकर इंद्र को लगा कि यह कहीं इंद्रासन पाने के लिए तो तब नहीं कर रहे ? उन्होंने अपने प्रिय मित्र कामदेव को भेजा कि नारद की समाधि भंग कर दो । कामदेव ने अपसराओं के साथ जाकर