( हानिया के बारे में पुरी तरह जानने के लिए आप मेरे उपन्यास मोहब्बत हो गयी है तुम्हें का पहला भाग जरूर पढ़ें ) सौरी आम्मी हानिया ने ट्रे को टेबल पर रखते हुए कहा, अरे कोई बात नहीं उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा तो हानिया भी मुस्कुरा दी, आब उसके मुस्कुराने की वाहिद वजह आम्मी ही तो रह गयीं थीं वो हमेशा उनके लिए मुस्कुराती थी लेकिन खुलकर हंसे हुए उसे खुद भी याद नहीं के कितना टाइम गुजर गया था, आमतौर पर दोनों मां बेटी सन्डे को ही साथ नाश्ता करती थीं क्योंकि बाकी दिन हानिया सुबह 7 बजे