बहुत रात हो चुकी थी, पर अभी भी मीरां को नींद नहीं आ रही थी। उसने सोचा मोबाइल में कुछ देखु, पर फिर उसे लगा कि पूरा दिन तो वही करती हूं। फिर सोचा लेपटॉप पर कोई अच्छी मूवी देखु, पर उसमें भी उसका मन नहीं लग रहा था। आखिरकार उसने अलमारी में पड़ी अपनी पुरानी डायरी निकाली, और सोचा की कुछ लिखू। जैसे ही मीरां लिखने जा रही थी उसे डायरी में लिखे अपने पुराने नोट्स दिखे। वो हर रोज अपने साथ हुई दिन भर की पूरी घटना डायरी में नोट करती थी।उसने उन पन्नों को खोला, और इत्मीनान