एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त - 7

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एक पाँव रेल में: यात्रा वृत्तान्त 7 7 गंगा सागर एक बार सारे तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार की कहावत सम्पूर्ण हिन्दुस्तान में प्रचलित है। रह रह कर यह बात बार बार मेंरे चित्त आने लगी। ऐसी क्या बात है गंगा सागर तीर्थ एक बार ही जाना पर्याप्त है। यही सोचते हुये मैंने 11से 21जनवरी के मध्य 14 जनवरी 2007 को गंगा सागर में डुवकी लगाने की योजना बना डाली। ग्वालियर से चलने वाली चम्बल एक्सप्रेस से रिजर्वेशन करा लिया। साथ चलने वालों की संख्या बढ़कर नौं हो गई। सभी ने अपने रिजर्वेशन करा लिये ।