Chapter - 8Hope is alive life.आशा जीवनदायिनी है ।ओ जीवन के थके पंखेरुं,बढ़े चलो हिम्मत मत हारो,पंखो में भविष्य बंधा है,मत अतीत की और निहारो, चिंता क्या धरती यदी छुटी, उड़ने को आसमान बहुत है,जाने क्यों तुमसे मिलने का विश्वास कम, आशा बहुत हैं ।- कविवर बलवीर सिंह 'रंग'[ इस गीत के माध्यम से, रंगजी, एक पक्षी प्रतीक जो अपने जीवन से निराश है, वास्तव में मानव को संबोधित किया गया है) कि उसे बिना हार के चलते रहना है। भूल जाओ कि अतीत में क्या हुआ था! तुम्हारा भविष्य तुम्हारे पंखों में छिपा है। क्या होगा यदि आपकी भूमि को ढीला कर