बागी आत्मा 10

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बागी आत्मा 10 दस माधव की गैंग की संख्या दस हो गई थी। दो आदमियों को तो उसने ठिये पर छोड़ दिया था बाकी आठ आदमियों को अपने साथ ले जा रहा था। आज घोड़ों की व्यवस्था हो गई थी। आशा ने जब घोड़े देखे तो दंग रह गई। सभी अलग अलग घोड़ों पर सवार थे। आशा सोचने लगी- आज ये जाने कितनों का सुहाग सूना करेंगे। यह बात वह माधव से कहना चाहती थी पर उसकी यह बात दिल की दिल में रह गयी। सभी लोग चले गये। एक घोड़ा ठिये पर रह गया। बस वहां रखा