कविता संग्रह भाग 5th

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कविता 1st मैं तुझे बदनाम करने से डरता हूँ ??????????तुझे इश्क में बदनाम होने का डर हैमुझे तेरे इश्क में आबाद होने का डर हैतू किसी और कि होना चाहती हैमैं तेरा होने का ख्वाब देखता हूंतेरे इश्क में तड़पना मंजूर है मुझेइश्क की इसी बात पर गरूर है मुझेतेरे ख्वाबों को इस कदर सजाया है मैंनेतुझे न चाह कर भी चाहा है मैनेतेरे लिए कुछ कर जाने की सोचता हूंतू मुझे मिल ,बात करमैं तुझे हंसाने,रुलाने की सोचता हूंतेरे बाहों कुछ पल बिताने की सोचता हूंतू बेगानों से हंस हंस कर बात कर लिया करतू मुझे रुलाने की सोचता हैमैं हर