यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (2) पीरियड समाप्त हुआ और वह क्लास से बाहर निकल गया। प्रह्लाद और विमल अभिन्न मित्र थे। दोनों में किसी प्रकार का दुराव-छिपाव नहीं था। एक जब तक अपने मन की बात दूसरे को बतला नहीं लेता था, उसको खाना हज़म नहीं होता था। वे इकट्ठे कॉलेज आते-जाते थे। दोनों के सब्जेक्ट भी एक-से थे। ऐसा कभी नहीं हुआ था कि एक कॉलेज में हो और दूसरा न हो। इसलिये जब प्रह्लाद विमल को बिना बताये क्लास से बाहर निकला तो विमल भी उसके पीछे-पीछे हो लिया। टीचिंग ब्लॉक पार करते ही उसने अपने