लिव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा - 7

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लीव इन लॉकडाउन और पड़ोसी आत्मा जितेन्द्र शिवहरे (7) धरम अपने बारे में बता रहा था। नींद कब लगी उसे स्वयं पता नहीं चला। टीना भी गहरी नींद में चली गयी। सुबह हो चूकी थी। धरम ने आंखें खोलकर घड़ी की ओर देखा। उसे आश्चर्य हुआ की सुबह के नौ बज चुके थे। टीना भी अब तक सोयी हुई थी। उसने टीना को हाथों के स्पर्श से हिलाया। "टीना! टीना! उठो! टीना उठो।" धरम दोहरा रहा था। टीना घबरा कर उठी। "क्या हु धरम?" टीना ने पुछा। "टीना हम सोते रहे गये। सुबह हो चुकी है। देखो।" धरम ने बताया।