आगे देखा हमने की कुँवर अपनी माँ की मौत की ख़बर सुनकर होश खो बैठी और बेहोश हो गई। कुँवर के बापू उसे बचाने पानी की बूंदे छिड़क के उठाने की कोशिश करने लगे। पर कुँवर नही उठी और वो चिरनिद्रा में चली गई। कुँवर चिरनिंद्रा में एक अजीब दुनियाँ देखती। कुँवर ने देखा कि वो एक अजीब वेशभूषा में है। फ़िलहाल जो इस दुनियाँ में है वहा से बहोत ही विपरीत है। और अजीब अजीब सी आवाजें सुनाई देने लगी। हर तरफ़ से खिलखिलाती हसी और मुस्कुराहट सुनाई पड़ी। और अचानक कोई दरिंदा आया और उसे