त्रीलोक - एक अद्धभुत गाथा ( उपन्यास )7सब लोग adventure पे जाने के लिए उताबले होरहे थे। लगभग सारी तयारिया होचुकी थी। सब लोग इस एडवेंचर की प्लान से बहत खुश थे। बहत दिनों बाद उनलोगो ने इंडस्ट्री से बाहर छुट्टियां बिताने का मौका मिलरहा था। दीपिका, अनिल, सूरज, राघव, नंदनी, और डायरेक्टर साहब अपनी अपनी पैकिंग ख़तम करते है। और साथ मे एडवेंचर पे काम आने वाली सारी सामान का बंदोबस्त करते है। उसके बाद डायरेक्टर साहब के कमरेमे सबलोग आकर डिसकस करते है। डायरेक्टर साहब - "सारी तैयारियां होचुकी है। अब हमें सिर्फ यही तय करना है की हम कब