उस रात के बाद मीरा का स्वप्निल की तरफ देखने का नजरिया बदल सा गया था। वो सोचना नहीं चाहती थी फिर भी उसी के बारे में सोचती। दूसरी तरफ स्वप्निल को लग रहा था शायद पिछली रात उसने अपने लिमिट क्रॉस कर दिए। उसे इस तरह किसी के सामने खुलना पसंद नहीं था पर उस वक़्त मीरा के सामने वो खुद को रोक नहीं पाया। इसी के चलते उसने एक फैसला लिया।अगले ही दिन सुबह सुबह मीरा उस से मिलने केबिन में आई।मीरा : गुड मॉर्निंग बॉस।स्वप्निल : गुड मॉर्निंग। मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।मीरा : कहिए में