पहली माचिस की तीली अध्याय 7 सुबह के 10:00 बजे। कोर्ट जाने के लिए सरवन पेरूमाल तैयार हो रहे थे। जजमेंट कॉपी ब्रीफकेस में रखकर लॉक किया, कमरे के बाहर एक छाया को देखकर उन्होंने सिर ऊपर किया। उनका लड़का किशोर खड़ा था। 6 फीट ऊंचा मदमस्त शरीर पर चेहरा उसका कसा हुआ था। उसने पूछा। "कोर्ट के लिए तैयार हो गए अप्पा?" "हां..." रुपयों में बिके फैसले को आज पढ़ने वाले हो ऐसा लगता है..... "अम्मा ने बोल दिया क्या?" "आप ऐसे कैसे बदल गए....?" सरवन पेरूमाल हंसे। "मनुष्य हमेशा एक तरह से नहीं रह सकता....? समय और जरूरत के अनुसार उसे बदलना