इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (21) ....रोज़ रोज़ देर रात तक घर के बाहर रहते हो। आज सो जाओ। लक्ष्मण मुआ कौन सा सच में बेहोस हुआ है। वह घर भी चला गया होगा।‘ यह सुनकर सब खूब हंसे थे। धोबी तलाव पर सबसे अच्छी रामलीला होती थी, जिसे मारवाड़ी संस्थाएं करवाया करती थीं और लोगों के बैठने के लिये नीचे गद्दे बिछाये जाते थे। वहां अमीर लोग जाते थे और वह रामलीला रामचरित मानस पर आधारित होती थी। वह रामलीला कामना ने तब देखी थी, जब वे लोग अनंतवाड़ी में रहते थे। तब मामा जी लेकर गये थे।