अनामिका

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अनामिका ने शशांक का फोन कट करके मोबाईल बेड के सिरहाने तिपाई पर रख दिया और अपनी देह को बिस्तर पर ढीला छोड़ कर उसने अपनी आँखें मूँद ली। शशांक की अपन्तव से लबरेज बातो ने अनामिका के बिखरते हौंसले को सम्भाल लिया था। शशांक से बात करके अनामिका को लग रहा था जेसे उसे नये पंख मिल गये हो और वो उन्मुक्त होकर आकाश मे अपनी मंजिल को हासिल करने के लिये परवाज करने को फ़िर से तैयार हो उठी हो। 'अना मैं कल इलाहाबाद आ रहा हूँ, तुमसे मिलने। देखो प्लीज मना मत करना।' आज जब शशांक ने