इक समंदर मेरे अंदर - 20

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इक समंदर मेरे अंदर मधु अरोड़ा (20) सोम बंबई में अकेले थे पर उसका तो पूरा परिवार था। मुंबई का अकेलापन अच्छों अच्छों को तोड़ देता है। यहां बात करने वाला नहीं मिलता। इस बात को वह अच्‍छी तरह समझती थी। इसलिये वह सोम को थोड़ा समय दिया करती थी। एमए के फाइनल पेपर का समय नज़दीक आता जा रहा था ये तो अच्‍छा था कि वह फीस भर चुकी थी और ट्यूशन छोड़ देने के बाद एक बार फिर बेकार थी। सोम एक कॉर्पोरेशन का काम अतिरिक्‍त समय में कर दिया करते थे। उनको वहां सभी जानते थे। कामना