आवारा अदाकार - 6 - अंतिम भाग

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आवारा अदाकार विक्रम सिंह (6) उस दिन मेरी उससे आखिरी मुलाकात हुई। फिर वह मुम्बई चला गया। जितना उसने मुम्बई के बारे में सुना था उससे कहीं भयानक लगा। दादर स्टेशन पर उतरते ही उसने वहाँ बड़ी भीड़ देखी। ऐसी भीड़ उसने मेलों में देखी थी। हर किसी को कहीं पहूंचने की जल्दी थी। उसने कईयों से पूछने की कोशिश की कि गौरेगाँव की ट्रेन कहाँ लगेगी, मगर कोई एक सकेण्ड के लिए भी रूकना नहीं चाहता था। सब भागने में लगे हुए थे। आते वक्त उसने ट्रेन में ही होटल के बारे में पूछ लिया था। उसने उसे बताया कि